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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की वापसी की मांग उठने लगी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को सीएए को निरस्त करने के बारे में भी विचार करना चाहिए। इसी बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सीएए पर सांप्रदायिक राजनीति फिर से शुरू हो गई है, क्योंकि कुछ लोग इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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मुख्तार अब्बास नकवी ने नागरिकता कानून के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए स्पष्ट किया यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों एवं उत्पीड़न के शिकार अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है।

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वहीं शायर मुनव्वर राणा ने कहा कि कृषि कानून का जो हाल हुआ है वही सीएए और एनआरसी का भी होगा। सीएए को तो मुनव्वर राणा ने दुश्मनी वाला कानून बताया। उन्होंने कहा कि यह कोई कानून नहीं है बल्कि मुसलमानों से दुश्मनी निकालने के लिए लाया गया है।

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एक हिन्दी न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक मुनव्वर राणा केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले से खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनकी तपस्या में कुछ कमी रह गई जबकि कहा जा सकता था कि हमसे कोई गुनाह हो गया है जिसकी वजह से 700 किसान खत्म हो गए।

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