कांकेर। बस्तर में कांकेर पुलिस ने नक्सलियों को रसद आदि सामान पहुंचा उन्हें सहयोग करने वाले नक्सल शहरी नेटवर्क के मामले में एक और फरार आरोपी को पकड़ने 10 हजार का इनाम घोषित किया है। कांकेर पुलिस ने आरोपी वरूण जैन की किसी भी प्रकार की सूचना एवं पुलिस को इसकी गिरफ्तारी में सहयोग करने वालों को यह इनाम देने की घोषणा की है। कांकेर पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर नक्सलियों को सामान एवं रूपये पहुँचाने वाले शहरी नेटवर्क के फरार मुख्य आरोपी वरूण जैन के संबंध में 10 हजार रूपए इनाम की घोषण की है। मामले में अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। निशांत जैन की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस वरूण जैन को तलाश कर रही है। वरूण जैन राजनांदगांव से फरार है, जिसकी पुलिस द्वारा लगातार पतासाजी भी की जा रही है। बावजूद इसके वरूण जैन के संबंध में पता नहीं चल सका है। इसके परिणाम स्वरूप प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने आरोपी वरूण जैन के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचना देने एवं गिरफ्तारी कराने वाले को 10 हजार रूपए नगद इनाम देने की घोषणा की है।
प्रकरण के संबंध में सूचना देने के लिए पुलिस ने दूरभाष नम्बर कार्यालय पुलिस अधीक्षक कांकेर 07868-241490, पुलिस कंट्रोल रूम कांकेर 07868-222119, पुलिस थाना कांकेर 07868-222211 एवं पुलिस थाना सिकसोड़ 9479191682 के नम्बर दिए है। उक्त नम्बर में आरोपी से जुड़ी सूचना दी जा सकती है।
बता दें कि कुछ दिन पहले दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तगड़ा झटका पहुंचाया। शहरी नेटवर्क का यह सदस्य पिछले 10 वर्षों से विभिन्न प्रकार की सामग्री सप्लाई करने वाले दंतेवाड़ा जिला भाजपा उपाध्यक्ष जगत पुजारी को साथी समेत गिरफ्तार किया है। पुजारी उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा जब नक्सलियों के बाकायदा ट्रेक्टर भेज रहा था। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क भाजपा कार्यकर्ता जगत पुजारी और उसका सहयोगी रमेश उसेंडी नक्सलियों के बड़े सप्लायर में शामिल थे। ना केवल यह लोग नगद राशन छोड़ते थे बल्कि कंप्यूटर,लेपटॉप,कोटरेज सहित प्रिंटिंग से जुड़ी कई सामग्रियों को नक्सलियों तक पहुंचाते थे। नदी के उस पार लगातार जगत पुजारी नक्सलियों के संपर्क में रहकर कई मर्तबा हथियार से लेकर अन्य सामग्री तक सप्लाई कर चुका है। जगत पुजारी ठेकेदारी का काम करता है और कमीशन के रूप में नक्सलियों तक सामग्री पहुंचाकर मदद करता था। इसके एवज में नक्सल इलाके में उसे काम करने की आजादी थी। इसी वजह से पुलिस को इस पर शक हुआ और इनपुट के आधार पर एक बड़े नक्सली शहरी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।