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मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि उसने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के लिए फर्जी क्लीन-चिट तैयार करने के लिए कथित तौर पर मिली भगत करने के आरोप में छापेमारी की और एक शख्स को गिरफ्तार किया। छापेमारी नई दिल्ली और इलाहाबाद में हुई, जबकि गिरफ्तारी गुरुवार तड़के हुई, जब सीबीआई ने देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और उनके नागपुर स्थित वकील आनंद डागा के यहां बुधवार देर शाम मुंबई के वर्ली में छापेमारी की थी। चतुर्वेदी और डागा को हिरासत में लिया गया और सुबह उनके बयान दर्ज किए गए। जिसके बाद सीबीआई के अपने अधिकारी एक सब-इंस्पेक्टर अभिषेक त्रिपाठी की मिलीभगत की पुष्टि हुई। सीबीआई ने आज सुबह एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसने अपने स्वयं के एसआई, नागपुर स्थित वकील (डागा) और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कुछ आरोपों के लिए मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने कहा कि उक्त मामले की जांच के दौरान, सीबीआई ने आज एसआई (तिवारी) को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वकील (डागा) से पूछताछ की जा रही है। पिछले सप्ताहांत, मीडिया और राजनीतिक हलकों में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि कथित तौर पर देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा आदेशित प्रारंभिक जांच (पीई) में ‘क्लीन-चिट’ दी गई थी। कथित लीक से क्षुब्ध, सीबीआई ने इस मुद्दे पर दो कड़े खंडन जारी किए थे, और चुपचाप मामले की जांच शुरू कर दी थी। कथित पीई रिपोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ एक नया राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया और मांग की कि सीबीआई को रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर टिप्पणी करनी चाहिए। इस घटना के नतीजे के रूप में, सीबीआई ने चतुर्वेदी और डागा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया और गुरुवार तड़के, फर्जी पीई रिपोर्ट तैयार करने के लिए उनके साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने वाले अपने ही (सीबीआई) एक अधिकारी को भी गिरफ्तार किया। इस कदम की आलोचना करते हुए, राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। सावंत ने कहा, “कानूनों को कुचला जा रहा है और देश ‘मोदी-शाह’ द्वारा चलाया जा रहा है। ‘हम जो कहते हैं वह कानून है’, ये बात मोदी सरकार को आधिकारिक तौर पर घोषित करना चाहिए।” राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने सवाल उठाते हुए कि कहा क्या देश में कानून का शासन है या शासकों का कानून है। उन्हें अवैध रूप से, बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के ले जाया गया है। मलिक ने कहा, “सीबीआई को स्पष्ट करना चाहिए कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना किन कानूनों और मानदंडों के तहत कार्रवाई की गई।” कुछ हलकों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि देशमुख ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं, अभी तक उनके कई समन का जवाब नहीं दिया है, और वे अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में हो सकते हैं।

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