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श्रीनगर। महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मैंने अपनी डीपी बदल डाली, क्योंकि झंडा खुशी और गर्व का प्रतीक है। हमारे राज्य के ध्वज को भारतीय ध्वज से जोड़ा गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इस जुड़ाव को खत्म करके इसे छीन लिया गया। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोगों से सोशल मीडिया पर अपनी डीपी में भारतीय तिरंगा को लगाने की अपील की गई है। भाजपा के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने भी अपनी डीपी बदल ली है और वहां भारतीय झंडा दिखाई दे रहा है। इन सबके बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ट्विटर अकाउंट पर अपना डिस्प्ले पिक्चर बदल लिया है। महबूबा मुफ्ती ने जो फोटो लगाई है उसमें उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। लेकिन इस फोटो में एक और चीज है। दरअसल, इस फोटो में मोदी और मुफ्ती सईद के सामने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा तथा अब अमान्य हो चुका जम्मू कश्मीर का झंडा दिखाई दे रहा है।

आपको बता दें कि पहले जम्मू कश्मीर का झंडा अलग हुआ करता था। लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद से यह झंडा अमान्य हो चुका है। महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मैंने अपनी डीपी बदल डाली, क्योंकि झंडा खुशी और गर्व का प्रतीक है। हमारे राज्य के ध्वज को भारतीय ध्वज से जोड़ा गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इस जुड़ाव को खत्म करके इसे छीन लिया गया। आपने भले ही हमसे हमारा झंडा छीन लिया हो, लेकिन इसे हमारी सामूहिक चेतना से नहीं मिटाया जा सकता। महबूबा के ट्विटर अकाउंट पर लगी तस्वीर नवंबर 2015 में हुई एक रैली की है, जिसे प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान संबोधित किया था। उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि आजादी का अमृत महोत्सव जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने लोगों से दो से 15 अगस्त तक अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी पर तिरंगा लगाने का अनुरोध किया था। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम के तहत लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए ‘‘मजबूर’’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि देशभक्ति स्वत: आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता।

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