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नई दिल्ली। भाजपा ने विपक्षी दलों के राज्य सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए एक्साइज ड्यूटी को घटा दिया। एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी जनता को राहत देने के लिए वैट में कटौती कर दी लेकिन विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि केंद्र और एनडीए शासित राज्यों द्वारा दिए गए छूट की वजह से भारत के लोगों को 88 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह 88 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि लोगों की जेबों में बची है और इसकी वजह से उनकी क्रय क्षमता बढ़ेगी और आने वाले दिनों में इसकी वजह से अर्थव्यवस्था में डिमांड भी बढ़ेगी। विपक्षी शासित राज्यों पर हमला बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हंगामा करने वाले विपक्षी दलों द्वारा शासित 9 राज्यों ने अभी तक जनता को कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद एनडीए शासित तमाम राज्यों ने अपनी तरफ से वैट घटा दिया लेकिन विरोधी दलों की सरकारों में से अभी तक सिर्फ राजस्थान ने ही वैट घटाया है। गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि विरोधी दलों द्वारा शासित 9 राज्यों- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने अभी तक जनता को अपनी तरफ से कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने इसे लेकर इन तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आलोचना भी की।

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