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नईदिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा के मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी है। कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार दोनों आरोपियों को अतिरिक्त न्यायिक न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष उनके न्यायिक रिमांड के अंत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। दोनों के खिलाफ मामला हिंसा भड़काने के एक ‘षड्यंत्र’ से जुड़ा था, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 748 लोग घायल हुए थे। खालिद के खिलाफ दायर मामले में, पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा खालिद और अन्य लोगों द्वारा कथित रूप से रची गई एक पूर्व-कथित साजिश थी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को छह नवंबर को खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। दिल्ली सरकार के साथ-साथ गृह मंत्रालय से खालिद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलने पर दिल्ली पुलिस अब अपने पूरक आरोप पत्र में इन्हें नामित कर सकती है। यूएपीए की धारा 13 के तहत अभियुक्तों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को गृह मंत्रालय से और दिल्ली सरकार से धारा 16, 17 और 18 के तहत मंजूरी की जरूरत थी। दिल्ली पुलिस ने हिंसा फैलाने के लिए 15 व्यक्तियों के खिलाफ 17,500 पन्नों का आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया है। यूएपीए, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

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