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गांधीनगर/हाथरस। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), जो उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की जांच कर रही है, वह मामले के सभी चार आरोपियों को ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए गांधीनगर में एफएसएल लैब लेकर गई है। सीबीआई की टीम उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ जेल में बंद आरोपियों को साबरमती केंद्रीय जेल लेकर आई। सीबीआई टीम सोमवार को साबरमती केंद्रीय जेल से सभी चार आरोपियों को गांधीनगर लेकर आई और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के अधिकारियों के साथ चर्चा की। एफएसएल के निदेशक एच. पी. सांघवी ने बताया, “हां, चारों आरोपियों को यहां एफएसएल में लाया गया है। लैब में उन पर किए जाने वाले ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के बारे में चर्चा चल रही है। एक बार चर्चा खत्म होने के बाद, हम यह जान पाएंगे कि परीक्षण कब तक होगा। हम इस पर अधिक जानकारी साझा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि फिलहाल मामला जारी है।” एक 19 वर्षीय युवती को कथित रूप से उच्च जाति के चार व्यक्तियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म और हत्या कर दी गई थी। कथित पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद सियासत तेज हो गई थी और उप्र की योगी सरकार पर निशाना साधा गया था। इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया था जब जिला प्रशासन और पुलिस ने कथित तौर पर जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। यह मामला 10 अक्टूबर को उप्र सरकार की ओर से सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सीबीआई जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया है।

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